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मुर्गी और चील Hen and Eagle

Written by Ann Nduku

Illustrated by Wiehan de Jager

Translated by Nandani

Language Hindi

Level Level 3

Narrate full story The audio for this story is currently not available.


एक समय की बात है, मुर्गी और चील दोनों दोस्त थे। वे सभी पंछियों के साथ शांति से रहते थे। उनमें से कोई उड़ नहीं सकता था।

Once upon a time, Hen and Eagle were friends. They lived in peace with all the other birds. None of them could fly.


एक दिन, वहाँ पर सूखा पड़ गया। चील को भोजन की तलाश में बहुत दूर तक चलकर जाना पड़ा। वह बहुत थक कर लौटी। “सफ़र करने के लिए कोई आसान रास्ता होना चाहिए!” चील ने कहा।

One day, there was famine in the land. Eagle had to walk very far to find food. She came back very tired. “There must be an easier way to travel!” said Eagle.


रात की एक अच्छी नींद के बाद, मुर्गी को एक बढ़िया उपाय सूझा। उसने सभी पंछियों के गिरे हुए पंखों को इकट्ठा करना शुरू किया। “चलो इन सब पंखों को अपने पंखों के ऊपर रखकर सिलें,” उसने कहा। “शायद यह सफ़र को आसान कर दे।”

After a good night’s sleep, Hen had a brilliant idea. She began collecting the fallen feathers from all their bird friends. “Let’s sew them together on top of our own feathers,” she said. “Perhaps that will make it easier to travel.”


चील पूरे गाँव में अकेली ऐसी थी जिसके पास सुई थी इसीलिए उसने पहले सिलना शुरू किया। उसने खुद अपने लिए सुंदर पंखों का जोड़ा बनाया और मुर्गी से बहुत ऊपर उड़ान भरी। मुर्गी ने सुई उधार माँगी लेकिन जल्द ही वह सिलाई करते-करते थक गई। उसने सुई को अलमारी पर रख दिया और रसोईघर में अपने बच्चों के लिए खाना बनाने चली गई।

Eagle was the only one in the village with a needle, so she started sewing first. She made herself a pair of beautiful wings and flew high above Hen. Hen borrowed the needle but she soon got tired of sewing. She left the needle on the cupboard and went into the kitchen to prepare food for her children.


लेकिन दूसरे पंछियों ने चील को उड़ते हुए देख लिया था। उन्होंने मुर्गी से उन्हें सुई देने को कहा ताकि वे अपने लिए भी पंख बना सकें। जल्द ही वहाँ पर पूरे आकाश में पंछी उड़ने लगे।

But the other birds had seen Eagle flying away. They asked Hen to lend them the needle to make wings for themselves too. Soon there were birds flying all over the sky.


जब आख़िरी पंछी माँगी हुई सुई लौटने आया, तब मुर्गी वहाँ नहीं थी। तो उसके बच्चों ने सुई ले ली और उससे खेलना शुरू कर दिया। जब वे खेलकर थक गए, तो उन्होंने सुई को रेत में ही छोड़ दिया।

When the last bird returned the borrowed needle, Hen was not there. So her children took the needle and started playing with it. When they got tired of the game, they left the needle in the sand.


बाद में, दोपहर में जब चील लौटकर आई तो उसने अपनी उड़ान के दौरान ढीले हो चुके अपने पंखों को जोड़ने के लिए मुर्गी से वापिस अपनी सुई माँगी। मुर्गी ने अलमारी के ऊपर देखा। फिर रसोईघर में देखा। और फिर आँगन में भी देखा। लेकिन उसे कहीं भी सुई नहीं मिली।

Later that afternoon, Eagle returned. She asked for the needle to fix some feathers that had loosened on her journey. Hen looked on the cupboard. She looked in the kitchen. She looked in the yard. But the needle was nowhere to be found.


“मुझे सिर्फ एक दिन दो,” मुर्गी ने चील से प्रार्थना की। “फिर चील मुर्गी से बोली तुम अपने पंखों को जोड़ सकती हो और फिर से खाने की तलाश में दूर तक जा सकती हो।” “सिर्फ एक दिन और, पर यदि तुमने सुई को नहीं ढूँढ़ा, तो इसकी कीमत तुमको अपना एक चूज़ा देकर चुकानी होगी।”

“Just give me a day,” Hen begged Eagle. “Then you can fix your wing and fly away to get food again.” “Just one more day,” said Eagle. “If you can’t find the needle, you’ll have to give me one of your chicks as payment.”


जब अगले दिन चील आई तो उसने मुर्गी को रेत में खुदाई करते हुए देखा, पर उसे सुई नहीं मिली। यह देख चील फिर से नीचे की तरफ़ तेज़ी से उड़ी और उसने एक चूज़े को पकड़ लिया। वह उड़ाकर उसे दूर ले गई। उसके बाद से, मुर्गी जब भी चील को देखती, तो रेत में सुई ढूँढ़ना शुरू कर देती।

When Eagle came the next day, she found Hen scratching in the sand, but no needle. So Eagle flew down very fast and caught one of the chicks. She carried it away. Forever after that, whenever Eagle appears, she finds Hen scratching in the sand for the needle.


जब चील के पंखों की छाया ज़मीन पर पड़ती, मुर्गी अपने चूज़ों को चेतावनी देकर कहती। “इस खाली और सूखी ज़मीन से बाहर जाओ।” और वे जवाब देते: “हम मूर्ख नहीं हैं। हम भाग जाएँगे।”

As the shadow of Eagle’s wing falls on the ground, Hen warns her chicks. “Get out of the bare and dry land.” And they respond: “We are not fools. We will run.”


Written by: Ann Nduku
Illustrated by: Wiehan de Jager
Translated by: Nandani
Language: Hindi
Level: Level 3
Source: Hen and Eagle from African Storybook
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